मैं निकला ओ साईकिल ले के

मैं उसे दिल छोर आया

मैं निकला ओ साईकिल ले के

ओ रस्ते पर ओ सड़क में

मैं उसे दिल छोड़ आया

एक मोड़ आया

मैं उसे दिल छोड़ आया

एक मोड़ आया

रब जाने कब गुजरा भागलपुर

हो कब जाने सोनीपत आया

मैं उसे दिल छोर आया

हो एक मोर आया

मैं उसे दिल छोर आया……

(Step: 01)

उस मोड़ पे वो मुटियार मिली

जट यमला पागल हो गया

उसकी ज़ुल्फों की छाँव में

मैं बिस्तर डाल के सो गया

ओ जब जागा, मैं भागा

सब फाटक, सब सिग्नल मैं तोड़ आया

मैं उसे दिल छोर आया…

(Step: 02)

बस एक नज़र उसको देखा

हो बस एक नज़र उसको देखा

दिल में उसकी तस्वीर लगी

क्या नाम था उसका रब जाने

मुझको रांझे की हीर लगी

हो मैंने देखा एक सपना

संग उसके नाम अपना, मैं जोड़ आया

मैं उसे दिल छोर आया

हो एक मोर आया

मैं उसे दिल छोर आया…..

(~~~~~~ बासुरी धून~~~~~~)

(Step: 03)

हो शरमाके वो यूँ सिमट गयी

शरमाके वो यूँ सिमट गयी

जैसे वो नींद से जाग गयी

मैंने कहा गल सुन ओ कुड़िये

वो डर के पीछे भाग गयी

वो समझी ओ घर उसके

चोरी से, ओ चुपके से, कोई चोर आया

मैं उसे दिल छोर आया

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